आलोक को एक बार को लगा कि सबको ज्ञान देने वाले राजवीर जी कैसे ऐसा कर सकते हैं. आलोक को एक बार को लगा कि सबको ज्ञान देने वाले राजवीर जी कैसे ऐसा कर सकते हैं.
क्या समाज के डर से वो मजबूर है या यही नारीशक्ति है ? क्या समाज के डर से वो मजबूर है या यही नारीशक्ति है ?
मैं हमेशा सोचता रहा मेरा भाई कितना अच्छा है पर कल जो देखा मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। मैं हमेशा सोचता रहा मेरा भाई कितना अच्छा है पर कल जो देखा मेरी आंखे फटी की फटी र...
पर जैसे ही मालकिन के हाथ में रुपया रखा उसने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया "ये तो मूल है बाबू , सूद... पर जैसे ही मालकिन के हाथ में रुपया रखा उसने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया "ये ...
बाबूजी का दुर्भाग्य ही था कि सिद्धांतों के चलते उन्हें स्वयं अपने ही घर में निरंतर उपेक्षा, अवमानना ... बाबूजी का दुर्भाग्य ही था कि सिद्धांतों के चलते उन्हें स्वयं अपने ही घर में निरं...
यह बाबूजी का दुर्भाग्य ही था कि जिन व्यक्तिगत मान्यताओं तथा मानदंडों की वजह से सामाजिक दायरों में उन... यह बाबूजी का दुर्भाग्य ही था कि जिन व्यक्तिगत मान्यताओं तथा मानदंडों की वजह से स...